सोने पर PMLA के सख्त नियमों से घटी गहनों की सेल
सेल्स पर GST के असर और रिटर्न फाइलिंग की दिक्कतों के चलते यूं तो इंडस्ट्री फिक्रमंद है, लेकिन ज्वैलरी इंडस्ट्री की दिक्कत उससे भी बड़ी है। उनकी समस्या यह है कि ज्वैलरी की खरीदारी को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 (PMLA) के प्रोविजंस के दायरे में लाया गया है, जिसके चलते सही तरीके से होने वाली खरीदारी में कमी आने के आसार हैं। ऑर्गनाइज्ड ज्वैलर्स और एक दिग्गज इंडस्ट्री एसोसिएशन इसमें भी बड़ा जिम्मेदार PMLA के तहत किए गए सख्त केवाईसी प्रोवजिंस को ठहरा रही है।
'कारोबार पर जीएसटी का अगर असर हुआ भी है तो बहुत कम हुआ है। कारोबार पर PMLA के असर के बारे में अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। हालांकि कस्टमर PMLA के तहत केवाईसी रूल्स से बचने के लिए अनऑर्गनाइज्ड सेक्टर की तरफ मुड़ गए तो ऑर्गनाइज्ड ट्रेड को जरूर नुकसान पहुंचेगा।' सरकार ने 23 अगस्त को PMLA,
2002 के सख्त प्रोविजंस का दायरा बढ़ाकर उसमें जेम्स एंड ज्वैलरी की खरीद-फरोख्त को खासतौर पर डीमॉनेटाइजेशन के बाद मनी लॉन्ड्रिंग में यूज होने वाले संदिग्ध ट्रेड में शामिल कर लिया था।
इनकम टैक्स एक्ट के तहत दो लाख रुपये तक की कैश सेल बिना केवाईसी हो सकती है लेकिन PMLA के नॉर्म्स लागू करके बिना पैन, आधार, ड्राइविंग लाइसेंस या पासपोर्ट की कॉपी वाली सेल को 50,000 रुपये तक सीमित कर दिया गया है। ज्वैलर्स का यह भी कहना है कि PMLA के रूल के हिसाब से 50,000 रुपये से ज्यादा की सेल के लिए कम से कम दो केवाईसी डॉक्यूमेंट्स की जरूरत होगी। केवाईसी रूल्स का पालन नहीं होने पर ज्वैलर्स पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस हो सकता है।
इस साल श्राद्ध के दौरान 20 सितंबर तक ऑर्गनाइज्ड सेल पिछले साल के श्राद्ध से 80 पर्सेंट कम रही है। सेल में इतनी तेज गिरावट की वजह जीएसटी (तो एकदम) नहीं, PMLA के सख्त प्रोविजंस हो सकते हैं। खंडेलवाल का कहना है कि सरकार के सपोर्ट से इंडस्ट्री PMLA के नॉर्म्स का बखूबी पालन कर रही है। उन्होंने कहा, 'ज्यादातर गोल्ड बायर्स महिलाएं और ग्रामीण हैं, जो साथ पैन या आधार कार्ड लेकर नहीं चलते हैं। ये लोग उन ज्वैलर्स के पास जा सकते हैं जो बही खाते में एंट्री बिना सेल करते हैं।'
एग्जिक्यूटिव्स का कहना है कि PMLA के सख्त प्रोविजंस के गोल्ड पर भी लागू होने से ज्वैलरी की सेल पर गहरा असर हो सकता है। वैसे भी नोटिफिकेशन श्राद्ध में जारी हुआ है जिस दौरान आमतौर पर देशभर में ज्वैलरी की खरीदारी बहुत कम होती है। GST के बाबत कल्याणरमन ने कहा, 'ऑर्गनाइज्ड प्लेयर होने के नाते हमारा मानना है कि GST से हमें मीडियम टर्म में फायदा होगा। इससे ऑर्गनाइज्ड सेक्टर से ज्वैलरी की खरीदारी बढ़ेगी।'
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